Tuesday 20 December 2016

खोळ खिड़किया

सोमवारे 19 दिसंबर 2016 दीया पञ्चीया तांईं प्री:ह्या:-
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उठ भाऊ खोळ जरा  मने दिया दुआरिया।
नी ता तेरी बीत्तणी  गुमाने दी   खुमारिया।
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मत खोहडे दूयाँ देयाँ,  दोसां दी पटारिया।
गास्सा 'खा ते दिक्खा कदा, लेखां दा लखारिया।
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 मा:ह्णु होई मा:हणुयें सींएं मा:हणु कुति बणेया।
 मळदा रिंहां हत्थां  पंछि   पौणा जे उड़ारीया।
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चिड़ियां जो रक्खेयो थे दाणे मैं सम्हाळी नै।
चिड़ीयां  डराई सारे      खाईं लै घुटारिया ।
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कमाये थे मैं चार पैसे    दो गयै उधारिया।
बचे जेे दो बाकी सै ता    लगी  यै  बमारिया।
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नौ झार करोड़ माल्या, क:ह्ला ई डकारिया।
पुट्टी क्या लेया गौरमिंटा, बैंक मन मारिया।
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दुह्यी लै तू दुद्ध जिन्ना  दूह्यी  हुँदा  तेरे तैं।
हड्डों ख़ुडों बैहंगी तां तू फेरेयाँ कटारिया।
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नाँ:ह्-किरसां दी ता कमाई होणी गिणुआं
बोरियां ता नोटां दियां  चोरिया चकारिया।
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बद्दळ ता मते आये म्मीदां आळे पाणिये दे
 सुकिया ही छड्ढी गै सै मेरिया क्यारिया।
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पहाड़िया ता छड़ी बैहन्दा सुरगे दे झूटेयाँ
दिक्खी करी साग-घियो, रोटिया करारिया।

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पेटे जो घुआड़ी गया जिंदा मिन्जो छडी करी
ग्रैह-खा:दा दस्सी बैठा, डॉक्टरे नै बमारिया।

गुआळिया ही लगेओ न पार्टिया च होर सब
धन्न-भाग इक्को ही है, गाईं दा बपारिया।
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